जीवन की तमाम तल्खियों के बीच ये ब्लॉग खुद से खुद की बातचीत की एक खुली कोशिश हे . इसमें आपको कुछ भी महत्वपूर्ण सामग्री भी न मिले लेकिन जैसा कुछ में सोचता हूँ वैसा ही लिखने के मेरे प्रयाश से आप जुड़ेंगे तो मुझे ख़ुशी होगी !!!
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हवा और तेज़ हो रही है.. पन्ने उड़ाने की चाल है.. मैंने पेपरवेट रख दिया है.. तुम्हारे ख्याल कीमती है मेरे लिए.. मैं इन्हें वेस्ट नहीं जाने दूंगा.. बड़ी मुश्किल से मिलती है हंसी तुम्हारी................ इस बार आँखे खुली रखूँगा...
मैंने अपने मोबाइल से कैच कर लिया है.. अब तुम्हे कही जाने नहीं दूंगा..
तुम्हे नाराज़ करना नहीं चाहता.. पर तुम नाराज़ हो जाती हो..
तुमसे बेइंतेहा मोहब्बत करता हूँ मैं.. बस टैटू नहीं गुदवा सकता..
अब इसे कभी खोने नहीं दूंगा.. बड़ी शिद्दत से मिला है यकीन तुम्हारा..
वो पल संभाला हुआ है अब भी.. जब तुमने'ह' पे 'आ' की मात्रा लगायी थी..
मैंने अपने मोबाइल से कैच कर लिया है.. अब तुम्हे कही जाने नहीं दूंगा..
तुम्हे नाराज़ करना नहीं चाहता.. पर तुम नाराज़ हो जाती हो..
तुमसे बेइंतेहा मोहब्बत करता हूँ मैं.. बस टैटू नहीं गुदवा सकता..
अब इसे कभी खोने नहीं दूंगा.. बड़ी शिद्दत से मिला है यकीन तुम्हारा..
वो पल संभाला हुआ है अब भी.. जब तुमने'ह' पे 'आ' की मात्रा लगायी थी..