Tuesday, September 16, 2008

जीवन की तमाम तल्खियों के बीच ये ब्लॉग खुद से खुद की बातचीत की एक खुली कोशिश हे . इसमें आपको कुछ भी महत्वपूर्ण सामग्री भी न मिले लेकिन जैसा कुछ में सोचता हूँ वैसा ही लिखने के मेरे प्रयाश से आप जुड़ेंगे तो मुझे ख़ुशी होगी !!!

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हवा और तेज़ हो रही है.. पन्ने उड़ाने की चाल है.. मैंने पेपरवेट रख दिया है.. तुम्हारे ख्याल कीमती है मेरे लिए.. मैं इन्हें वेस्ट नहीं जाने दूंगा.. बड़ी मुश्किल से मिलती है हंसी तुम्हारी................ इस बार आँखे खुली रखूँगा...
मैंने अपने मोबाइल से कैच कर लिया है.. अब तुम्हे कही जाने नहीं दूंगा..
तुम्हे नाराज़ करना नहीं चाहता.. पर तुम नाराज़ हो जाती हो..
तुमसे बेइंतेहा मोहब्बत करता हूँ मैं.. बस टैटू नहीं गुदवा सकता..
अब इसे कभी खोने नहीं दूंगा.. बड़ी शिद्दत से मिला है यकीन तुम्हारा..
वो पल संभाला हुआ है अब भी.. जब तुमने'ह' पे 'आ' की मात्रा लगायी थी..







1 Rupia 1 lakh nahi hota ,Magar phir bhi
1 Rupia Lakh se nikal jaye to wo bhi Lakh nahi reheta...
Hum apke Lakhon Doston Main Wohi 1 Rupiya hai !!!!!

Sunday, August 31, 2008

**** आज तक जो कुछ भी देखा ****** (Welcome 2nd Part








FASHION TV


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Ravi > ( 9929162165 )



आज तक जो कुछ भी देखा, सुना, पढ़ा, जाना, समझा वो सब कुछ जो यहाँ से वहां से जाने कहाँ कहाँ से जमा किया वो सब कुछ इस ब्लॉग पे डाल रहा हूँ. वैसे तो मेरी कोशिश होगी की हर रचना के साथ उसके रचनाकार का नाम भी दे दू लेकिन अगर कभी ऐसा कर सको तो अपना दोस्त समझ के माफ़ कर दीजियेगा


वो
आवाज़ अभी भी कानो में रहती है.. करीब आकर आई लव यु कहा था ना तुमने..
अरे भीग गया तो क्या हुआ.... तुम्हे पकौड़े खाने थे ना..
मुझे इमरान हाश्मी पसंद नहीं है... चलो आज जन्नत देखने चले..
फिर से आँख में आंसु... तुम्हे गले ही तो लगाया है..
और लास्ट में... आईन्दा मुझसे बात मत करना.......... अब चुप क्यों हो?

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तुझे क्या पता... बाईक के पीछे लड़की बिठायी क्या तुने कभी,...? बार बार ब्रेक लगाने में जो मज़ा आता है वोतू क्या समझेगा प्यारे.